याचिका में कहा गया है कि केन्द्र ने 11 जुलाई 1991 को इस कानून को लागू किया जिसमें मनमाने और अतार्किक ढंग से पूर्ववर्ती तिथि से कटआफ डेट तय करते हुए घोषित कर दिया कि पूजा स्थलों और तीर्थस्थलों की जो स्थिति 15 अगस्त 1947 को थी वही रहेगी।https://ift.tt/2sd34gp
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